पार्टी बनाए बिना रजनीकांत की पॉलिटिक्स में एंट्री, बोले- ये बदलाव का वक्त, अभी नहीं किया तो कभी नहीं होगा

सुपरस्टार रजनीकांत ने राजनीति में अपनी एंट्री को लेकर गुरुवार को चेन्नै में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने किसी राजनीतिक पार्टी की घोषणा तो नहीं की, लेकिन राजनीति को लेकर अपनी योजनाएं जरूर बताईं। रजनीकांत के मुताबिक, उन्होंने कभी भी तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने का सपना नहीं देखा और वे सिर्फ राजनीति में बदलाव चाहते हैं। अपनी पार्टी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वे एक ऐसी पार्टी बनाने जा रहे हैं, जिसमें सरकार और पार्टी प्रमुख अलग-अलग होंगे और अलग-अलग काम करेंगे।


रजनीकांत ने कहा, ‘‘तमिलनाडु की राजनीति के दो बड़े खिलाड़ी थे, एक जयललिता और दूसरे करुणानिधि। लोगों ने दोनों को वोट दिया, लेकिन उनके जाने के बाद अब राजनीतिक खालीपन आ चुका है। बदलाव लाने के लिए हमें एक नया आंदोलन शुरू करना होगा।’’ रजनी ने 31 दिसंबर 2017 को अपनी पहली आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनीति में एंट्री करने की घोषणा की थी।


रजनीकांत ने 3 पॉइंट में पार्टी का कार्यक्रम भी बताया



  1.  पार्टी में ऐसे अनावश्यक पदों को खत्म करेंगे, जो चुनाव के वक्त तो जरूरी रहते हैं, लेकिन बाकी वक्त भ्रष्टाचार बढ़ने की वजह बनते हैं। क्योंकि ऐसे उन पदों पर जमे लोगों को उनकी सेवाओं के बदले टेंडर्स और कॉन्ट्रेक्ट दिए जाते हैं। इसे रोकना होगा।

  2. पार्टी के 60-65% पद युवाओं, पढ़े-लिखे लोगों और अच्छी छवि वाले लोगों के लिए होंगे। बाकी पद पूर्व जजों, पूर्व आईएएस अफसरों और इन जैसे लोगों के लिए होंगे, जिनका समाज सेवा का पिछला रिकॉर्ड और जज्बा होगा।

  3. द्रमुक और अन्नाद्रमुक के विपरीत सरकार और पार्टी का मुखिया एक ही व्यक्ति नहीं होगा, बल्कि उनकी पार्टी में दोनों के बीच स्पष्ट अंतर होगा। सरकार के प्रदर्शन पर नजर रखेंगे, लेकिन उसके काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।